प्रदेश का इकलौता जनपद जहां निकायों की सभी सीटें आरक्षित- जालौन

निकाय सीटों का आरक्षण जारी होते ही धुरंधरों के अरमान धुआं-धुआं

उरई(जालौन)। आगामी निकाय चुनाव को लेकर सोमवार की शाम जैसे ही नगरीय निकायों के अध्यक्ष पदों का आरक्षण जारी कर दिया गया। वैसे ही जनपद जालौन की राजनीति में खासी हलचल देखी गयी। जनपद जालौन की चार नगर पालिका परिषद और सात नगर पंचायतों में से एक भी सीट अनारक्षित श्रेणी नहीं की गयी है। ऐसा लगता है कि नगर विकास विभाग द्वारा वर्ष 2012 के निकाय सीटों का आरक्षण को ही ज्योें का त्यांे जारी कर दिया गया है। ऐसे में ब्राह्रमण, क्षत्रिय एवं वैश्य समाज के जिन धुरंधरों ने पोस्टर होर्डिंग के नाम पर अब तक लाखों रुपये फूंक डाले उनके अरमान एक तरह से दिल के अरमां आंशुओं में बह गये। इस तरह से देखा जाये तो प्रदेश में इकलौता ऐसा जनपद होगा जहां नगरीय निकायों में अध्यक्ष पद की सभी 11 सीटें आरक्षित श्रेणी में हैं।


जनपद की चार नगर पालिका परिषदों में जिला मुख्यालय उरई की नगर पालिका परिषद अनुसूचित जाति महिला के लिये आरक्षित होने से यहां के सामान्य वर्ग व पिछड़ा वर्ग के दावेदारों के अरमानों पर मानो कुठाराघात ही हो गया। जबकि नगर पालिका परिषद कालपी अन्य पिछड़ा वर्ग एवं कोंच अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिये आरक्षित हो गया। इसीक्रम में नगर पालिका परिषद जालौन अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गयी। इसी प्रकार से जनपद में सात नगर पंचायतों में नवसजिृत एट नगर पंचायत को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि नगर पंचायत ऊमरी, कदौरा, कोटरा अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित की गयी है। वहीं नगर पंचायत नदीगांव अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए तथा रामपुरा एवं माधौगढ अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत की गयी। शासन द्वारा जैसे ही नगरीय निकायों के अध्यक्ष पदों के लिये परिसीमन घोषित किया तो जिले की राजनीति का मानो पूरा परिदृश्य ही बदलकर रख दिया गया। अभी तक नगर निकायों से जो दावेदार होर्डिग लगाकर अपनी दावेदारी जता रहे थे उनकी राजनैतिक महत्वाकांक्षा पर तो पूर्ण विराम ही लग गया। फिलहाल तो नगर निकायों के लिये अध्यक्ष पद के लिये परिसीमन घोषित होते ही चुनाव लड़ने वाले नये दावेदार अपने समर्थकों के साथ चर्चा करने में व्यस्त देखे गये। तो कई दावेदार तो ऐसे भी है जो परिसीमन घोषित होने का इंतजार कर रहे थे वह भी पूरी तरह से सक्रिय नजर आये।

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