झांसी -: तहसील सभागार टहरौली में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत इक्रीसैट द्वारा तहसील क्षेत्र के 40 ग्रामों में किये जा रहे जल संरक्षण के कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। यह योजना कृषि विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा वित्त पोषित है जिसका संचालन यूनाईटेड नेशन की संस्था इक्रीसैट द्वारा किया जा रहा है जिसका उद्देश्य तहसील टहरौली अंतर्गत प्रस्तावित 40 ग्रामों में प्राकृतिक संसाधनों द्वारा एकीकृत प्रबंधन तंत्र विकसित करना है ताकि किसानों की आय में न केवल बृद्धि हो अपितु उन्हें उच्च गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद प्राप्त हो सकें।
इक्रीसैट द्वारा तहसील सभागार में आयोजित बैठक में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री हरगोविन्द कुशवाहा, उपजिलाधिकारी टहरौली एवं प्राकृतिक संसाधन समिति के समक्ष अब तक किये गए कार्यों का विस्तृत वर्णन किया गया। करीब 28 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 32.47 करोड़ की लागत की इस परियोजना की स्वीकृति 3 नवम्बर 2022 को की गई थी।
डॉ रमेश सिंह ने बताया कि टहरौली के इस क्षेत्र में पीने एवं सिंचाई के जल की उपलब्धता कम है, यहां की मिट्टी की जल धारण क्षमता कम है, जिसमें जीवाश्म भी कम हैं, यहां जानवरों के चारे की भी कमी है। योजना के माध्यम से किसानों की क्षमता में बृद्धि करना, फसलों में विविधता लाना एवं अधिक फसलों का उत्पादन करना और एफपीओ के माध्यम से उन्हें बाजार उपलब्ध कराना योजना का उद्देश्य है।
राज्यमंत्री ने कहा कि यह योजना टहरौली क्षेत्र के किसानों के हित में मील का पत्थर साबित होगी। उपजिलाधिकारी अजय कुमार यादव ने परियोजना की प्रशंसा करते हुए पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।
इस मौके पर राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा, उपजिलाधिकारी टहरौली अजय कुमार यादव, प्रधान वैज्ञानिक डॉ रमेश सिंह, प्राकृतिक संसाधन समिति के अध्यक्ष आशीष उपाध्याय, एफपीओ चेयरमैन पुष्पेन्द्र सिंह बुंदेला, डॉ राजेन्द्र सिंह, रामेश्वर शर्मा बकायन, गुड्डी रानी पटेल, ललित पटेल, राजेन्द्र सिंह बुंदेला,रामप्रसाद पटेल, रविन्द्र कुमार सोनी, इंद्रपाल बुंदेला, संजीव बिरथरे, गौरीशंकर सिरबैया, दीनदयाल पटेल, मनोहर सिंह राजपूत, मुन्ना लाल उपाध्याय, छायाकार पिंटू, ललित किशोर, दीपक त्रिपाठी, सुनील पटेल, प्रह्लाद पटेल, गौरव यादव, विजय सिंह, धर्मेंद्र यादव, शत्रुघ्न बुंदेला, नाती राजा, कुलदीप यादव,नीरज, सुनील आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अशोक शुक्ला ने किया।
रिपोर्ट – अंकित गौतम टहरौली