परिवहन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर बसों की छत पर बैठ यात्रा कर रहे लोग, कभी भी हो सकता है हादसा।
बस स्टैंड टहरौली के समीप बस के छत पर बैठकर जाते यात्री।
ज़िले में बस चालक यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसका नजारा अब आम होने लगा है। बसों के अंदर जगह कम पडऩे पर यात्रियों को छत पर बैठाया जा रहा है। ऐसे में हादसे की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। वैसे इस मामले में परिवहन विभाग को कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन वह भी मौन साधे बैठा है। जिससे बस चालक मनमर्जी से सवारियों को ढो रहे हैं। कस्बे के स्टैंड के समीप बस स्टैंडों में बस चालक सवारी को छत पर बैठा कर ले जा रहे हैं।
अधिक पैसे कमाने की चाह में बस चालक यात्रियों की जान को जोखिम में डालने से भी नहीं चूक रहे हैं। बस के अंदर जगह नहीं होने की स्थिति में यात्रियों को बसों के ऊपर लादा जा रहा है। यह नजारा खासकर सभी बस स्टैंडों के रूटों पर अधिक देखने को मिल रहा है। ऐसे में यदि कभी कोई हादसा होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। दिन हो या शाम पूरे दिन बस चालक सवारी को छत पर बैठाकर ले जाते है।
बैरिकेटिंग से पहल बस के छत पर ही लेट जाते है। बसों के उपर नीचे सवारियों को लाद कर लेकर जा रहे है बस संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं होती और आए दिन ओवर लोड के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है लेकीन परिवहन विभाग के नियमों के विपरीत एवं लोगों की जान माल की परवाह किए बिना क्षमता से अधिक सवारियो को लेकर जा रहे है।
रिपोर्ट अंकित गौतम टहरौली