उरई (जालौन)। उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के बावजूद भी उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जालौन जनपद में भी लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत अखिल भारतीय प्रधान संगठन के दर्जनों प्रधानों ने पुलिस अधीक्षक से की। प्रार्थना पत्र में ग्राम प्रधानों ने बताया कि जिले के प्रत्येक गांव में कब्जा से संबंधित समस्या है। आबादी बढ़ने पर लोग गांव की सभी जमीन पर घर बनाते हैं और लेखपाल जिसके पास खतौनी और नक्सा रहता है। कभी भूमि का प्रकार बताता ही नहीं है व इसका दोषी प्रधान को ठहराया जाता है। लेखपाल को जो लाभार्थी पैसा दे देता है उसे मकान व कब्जा दे दिया जाता है।
ग्राम प्रधान संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि करीब 4 महीने पूर्व इसी मामले में जब मुहाना गाँव के लेखपाल विनोद कुमार वर्मा ने मुहाना प्रधान से तीस हजार रुपये की मांग की। जिसकी रिकॉर्डिंग है जिसमें लेखपाल तीस हजार रुपये के लेनदेन की बात दूरभाष पर कर रहा है। प्रधान के मना करने पर लेखपाल ने प्रधान पर फर्जी मुकदमा 1860 धारा 353, 34, 3 आईपीसी के तहत थाना डकोर में पंजीकृत करा दिया।
8 नवम्बर को अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष सहित कई गांवों के प्रधानों ने उक्त प्रकरण की जांच कर भ्रष्ट लेखपाल के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने के संबंध में एक प्रार्थनापत्र पुलिस अधीक्षक को दिया। जिसमें अपील की गई कि लेखपाल प्रधानों पर फर्जी मुकदमे लिखवा रहा है। मामले की जांच कर उचित कार्यवाही की जाए अन्यथा की स्थिति में प्रधान कार्य बहिष्कार कर उक्त लेखपाल के खिलाफ आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे। इस मौके पर धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय प्रधान संगठन, कृष्णकुमार राजपूत, जीतू प्रधान मुहाना, खेमचंद्र राजपूत प्रधान टीकर, धर्मेंद्र राजपूत प्रधान मकरेछा, चन्द्रवती राजपूत प्रधान कुसमिलिया, गुलाब सिंह, शिशुपाल सिंह प्रधान ,अनीश हरकौती, राजकुमार, संध्या देवी गोरन, करन सिंह चिल्ली आदि दर्जनों प्रधान मौजूद रहे।