उड़ीसा के कोणार्क से भी प्राचीन है, चंदेल बंश का बना यह महोबा का सूर्य मंदिर,

महोबा मुख्यालय से थोड़ी ही दूरी पर रहेलिया सूर्य मंदिर है। इतिहासकारों के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण राजा राहुल देव बर्मन ने 850 वीं सदी में करवाया था। मंदिर की शिलाओं पर आकृतियां बनी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश में कई ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। कई ऐतिहासिक इमारतें या मंदिर तो सदियों पुराने हैं। ऐसे ही एक ऐतिहासिक टूरिस्ट स्पॉट महोबा का सूर्य मंदिर है। झांसी से लगभग 150 किलोमीटर दूर ये सूर्य मंदिर बेहद खास है। ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर उडीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर से भी पुराना है। इस ऐतिहासिक मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक खीचें चले आते है। हालांकि समय के साथ देख- रेख ना हो पाने के कारण मंदिर अपना अस्तित्व खोता जा रहा है।

महोबा मुख्यालय से थोड़ी ही दूरी पर रहेलिया सूर्य मंदिर है। इतिहासकारों के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण राजा राहुल देव बर्मन ने 850वीं सदी में करवाया था। मंदिर की शिलाओं पर आकृतियां बनी हुई हैं। वहीं मंदिर के निर्माण में ग्रेनाइट पत्थरों का प्रयोग हुआ है। किले की संरचना बेहद ही आकर्षित करती है। मंदिर की दीवारों नक्काशी खास है। हालांकि 12वीं सदी में कुतुबुद्दीन एबक ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की। जिसके अवशेष आज भी मंदिर के आस-पास देखने को मिल जाता है। इस सूर्य मंदिर से करीब सौ मीटर की दूरी पर एक सूर्य कुंड स्थित है।

महोबा जिले के अन्य पर्यटन स्थल

बुंदेलखंड के महोबा में सूर्य मंदिर के अलावा और भी कई टूरिस्ट प्लेस हैं जहां आप घूम सकते हैं। यहां के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर, चरखारी किला, मंगलगढ़  किला, शिव तांडव मंदिर, जैन तीर्थकर और कुलपहाड़ किला समेत अन्य स्थलों पर आप घूम सकते हैं।

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