कलौथरा घाट पर दिनदहाड़े हो रहा अवैध खनन, अधिकारी नहीं कर रहे कार्यवाही

दो लिफ्टर, तीन पोक्लैंड मशीनें चीर रहीं हैं बेतवा का सीना

खनिज विभाग और तहसील प्रशासन के खुले संरक्षण में हो रहा है खुला खेल

सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रहीं हैं धज्जियाँ, बालू घाट के सीमांकन से लगभग एक किलोमीटर दूर से निकाली जा रही है लिफ्टरों से बालू

टहरौली (झाँसी) – उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था, विकास जैसे विषयों पर खुलकर अपना पक्ष रखने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खनन के मामले पर किस तरह से बैकफुट पर नजर आ रही है इसकी बानगी अगर देखनी हो तो आप झाँसी जिले की टहरौली तहसील के कलौथर में खुलेआम धड़ल्ले से बेतवा नदी का सीना लिफ्टरों, पोकलैंड मशीनों और जेसीबी मशीनों से चीरकर बालू खनन का काम जारी है और जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं स्थानीय टहरौली तहसील प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बना सब कुछ देख रहा है।

आरोप यह भी लग रहे हैं कि यहाँ पट्टे के सीमांकन से लगभग एक किलोमीटर दूर से बालू का उठान किया जा रहा है। यह सारा काम जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं टहरौली प्रशासन की जानकारी में हो रहा है क्योंकि खनन का पट्टा सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ही दिया है।

स्थानीय तहसील प्रशासन, खनिज विभाग और जिला प्रशासन द्वारा सब कुछ जानते हुये भी अपनी आँखें बन्द कर रखी हैं।

टहरौली तहसील के बालू घाट पर सुप्रीम कोर्ट एवं एनजीटी के सभी दिशा-निर्देशों को ताक पर रखते हुए बालू खनन के लिए बेतवा नदी की धारा में लिफ्टरों, जेसीबी मशीन और पोकलैंड मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है जबकि ठेका देते समय ही किए गए अनुबंध में स्पष्ट रुप से यह उल्लिखित होता है कि नदी की धारा में किसी भी मशीन द्वारा बालू का खनन नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके दो लिफ्टरों, तीन पोकलैंड मशीनों, एवं एक जेसीबी मशीन के जरिए खनन का काम बदस्तूर जारी है।

वीडियो में साफ-साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सरेआम सभी नियमों, दिशा निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए नदी की धारा में लिफ्टरों, पोकलैंड मशीनों और जेसीबी मशीन के द्वारा बालू खनन का काम जारी है।https://youtu.be/SiX4RsIOTf4

उक्त बालू घाट पर लिफ्टरों की मदद से बेतवा नदी में 50 – 60 फीट गहराई से बालू का उठान किया जा रहा है। अब सवाल यह भी है कि यह खनन वैध है या अवैध है इसकी जांच करने वाला भी कोई नहीं है क्योंकि जब सभी दिशा निर्देशों को ताक पर रख दिया गया हो तो वैध और अवैध का सवाल कौन उठा सकता है।

जाहिर तौर पर जिला प्रशासन, खनिज विभाग एवं स्थानीय टहरौली तहसील प्रशासन की लापरवाही प्रदेश सरकार के दावों पर पानी फेर रही है

जब इस विषय में उपजिलाधिकारी टहरौली श्वेता साहू से बात की गयी तब उनका फोन नहीं उठा

रिपोर्ट अंकित गौतम टहरौली

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