झांसी सदर विधायक जाम लगाने के मामले में बरी: 16 साल पुराने केस निचली अदालत ने 1500 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी

झांसी में अपहरण के एक मामले को लेकर सड़क जाम करने के आरोपी सदर विधायक रवि शर्मा समेत 7 लोगों को बड़ी राहत मिली है। MP/MLA कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास नागर ने उनको दोषमुक्त कर दिया है। इससे पहले निचली अदालत ने 1500 रुपए अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर 15 दिनके कारावास की सजा सुनाई थी। विधायक समेत 7 लोगों ने अर्थदंड अदा नहीं करते हुए अपील दायर की थी।

2006 में दर्ज हुआ था केस

प्रेमनगर थाना की बिजौली चौकी प्रभारी ने एक अगस्त 2006 को तहरीर देते हुए बताया था कि झांसी-ललितपुर रोड पर बिजौली में कुछ लोगों ने पत्थर और तखत डालकर जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारी 25 जुलाई 2006 को अपहृत हुए रिंकू राजपूत की कुशल बरामदगी को लेकर प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। साथ ही ट्रक चालकों पर ईंट-पत्थर फेंककर भयभीत कर रहे थे। करीब 3 घंटे तक जाम रहने से लोग परेशान हुए। तहरीर पर 75 लोगों के खिलाफ धारा 141, 147, 339, 341 और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था।

40 को हुई थी सजा, 7 ने की अपील

करीब दो माह पहले अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कन्हैया लाल ने सदर विधायक रवि शर्मा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष धनु लाल गौतम, पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व पार्षद आदर्श गुप्ता समेत 40 लोगों को दोषी करार देते हुए 1500-1500 रुपए की सजा सुनाई है। इस केस में 7 लोगों ने अपील की थी, बाकी लोगों ने जुर्माना भर दिया था। अब सेशन कोर्ट ने विधायक रवि शर्मा, चंद्र प्रकाश मिश्रा, महेश रिछारिया, चंद्रशेखर आजाद समेत 7 लोगों को दोषमुक्त कर दिया।

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