मानव मात्र को कभी अहंकार नहीं करना चाहिएः साध्वी समाहिता

जालौन (उरई)। अपने दाम्पत्य जीवन को सुधारें क्योंकि जब तक दाम्पत्य जीवन दिव्य पवित्र नहीं होगा तब तक दिव्य संतान उत्पन्न नहीं होगा। यह बात ज्वालागंज स्तिथ श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर पर आयोजित साप्ताहिक टीवी रामकथा के चैथे दिन साध्वी समाहिता दीदी ने कही।
साध्वी समाहिता दीदी ने रामकथा में कहा कि जिनका दाम्पत्य जीवन दिव्य होता है उन्हीं के घर महापुरुषों का जन्म होता है। जब कोई भक्त याद करता है तब प्रभु अवतार लेते हैं जिसका अंत करना कठिन होता है। ऐसे ही ध्यान से रावण को मारने के लिए प्रभु ने अवतार लिया। कहा कि मानव मात्र को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि यदि जल से भरे एक घड़े में हम एक-एक कर के पत्थर डालते जाते है तो धीरे-धीरे वह घड़ा कंकड़ से भर जाता है तथा जल से रिक्त हो जाता है। इसलिए अहंकार से दूर रहें। इस मौके पर अनुराग बहरे, गोपालजी, दशरथ, सुमित, नारायण, कैलाश, सियाराम, दीपिका, सरोज, कमला देवी, समुद्री देवी, जय देवी, विनीता, रश्मि, अनीता, उर्मिला, आदि ने कथा का श्रवण किया।

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