केंद्र का बजट साकार करेगा ‘‘सहकार से समृद्धि’’ का ध्येय

उरई (जालौन)। मोदी सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र पर चल सहकारिता के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पित भाव से कार्य कर रही है। केंद्रीय बजट में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने के लिए किये गए अभूतपूर्व निर्णय इसी संकल्प का प्रतीक है। बजट में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करने की योजना से सहकारी समितियों से जुड़े किसान अपनी उपज का भंडारण कर सकेंगे और उपज को सही समय पर बेच कर उचित मूल्य प्राप्त कर पाएंगे। उक्त प्रतिक्रया सहकार भरती के प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रवीण सिंह जादौन ने बुधवार को आम बजट पर व्यक्त की।

डॉ. जादौन ने आम बजट की सराहना करते हुए बताया कि इस बार का बजट किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। साथ ही अगले 5 वर्षों में सरकार हर पंचायत में नई बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी। इससे सहकारिता आंदोलन को नई दिशा और गति प्राप्त होगी, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त होगा। 31 मार्च 2024 तक बनने वाली मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की सहकारी समितियों को सिर्फ 15 फीसदी टैक्स के दायरे में रखने का निर्णय बड़ा कदम है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त करता हूं।

सहकार भारती के प्रदेश महामंत्री डॉ.प्रवीण जादौन ने बताया कि नकद निकासी पर टीडीएस की अधिकतम सीमा 3 करोड़ करने, पीएसीएस एवं पीसीएआरडीबीएस द्वारा नकद जमा व ऋण के लिए प्रति सदस्य 2 लाख की सीमा प्रदान करने का निर्णय सराहनीय है। सहकारी क्षेत्र के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें चीनी सहकारी समितियों द्वारा 2016-17 से पहले किसानों को किये गए भुगतान को अपने खर्च में दिखा पाने की सुविधा दी गयी है इससे करीब 10 हजार करोड़ की राहत सहकारी चीनी मिलों को मिलेगी। मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं।

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