झांसी। दिनाँक 25 मार्च 2023 को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हिन्दी साहित्य परिषद कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादमी के संचालक और संरक्षक अनुपम तिवारी ने किया। हिन्दी साहित्य परिषद कार्यशाला के अध्यक्ष रामदेव शुक्ल ने अपने मुख्य वक्तव्य में कहा कि मानव ने मशीन को बनाया है, मशीन ने मानव को नहीं। फिर भी आज मानव मशीनों पर निर्भर हो रहा है।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुरेंद्र दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा है कि मैं इस पावन वीरांगना की नगरी में 3 वर्ष तक कुलपति के पद पर रहा हूं मैने यहां के बारे में बहुत कुछ जाना हैं और सीखा है , साहित्य से जुड़े व्यक्ती के मानसिकता का विकास होता है, और उसमे समाज को जानने और समझने की उत्सुकता बढ़ती है।
पद्मश्री सम्मान से सम्मानित विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी l को संबोधित करते हुए कि लेखक के जीवन आने वाली समस्याओं को बताते हुए कहा की जो लिख सकता है कि वही लेखक होता है, लेखक एक अच्छा दार्शनिक होना चाहिए। आज इस आधुनिकता के युग में एक लेखक के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है समाज में नया साहित्य देना।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव विनय कुमार ने सभी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविध्यालय के कुलपति को कर्नल रैंक मिलने पर खुशी जताई और सभी को धन्यवाद दिया।
इस कार्यक्रम में प्रो० मुन्ना तिवारी, आर के सैनी, डॉ० स्वेता पांडे, डॉ०उमेश मौर्य, डॉ० अचला पांडे, अभिषेक कुमार, गोविंद यादव, के साथ विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक और छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
रिपोर्ट – हिमांशु सैनी