टहरौली — तहसील मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय टहरौली किला में छात्र छात्राओं के बैठने के लिए न तो पर्याप्त कक्ष हैं न ही खेलने के लिए मैदान बता दे कि लगभग दस हजार की आबादी वाले टहरौली किला में एक ही सरकारी प्राथमिक विद्यालय है जिसमे छात्रांकन लगभग तीन सौ के ऊपर हो जाता है जबकि छात्रों के बैठने के लिए केवल तीन कक्ष ही हैं जिसमे एक नवीन कक्ष मानक के अनुसार बना है जबकि दो कक्ष सन 1964 में निर्मित मानक विहीन व जीर्णशीर्ण हैं इन कक्षाओं में बरसात में छत से पानी टपकने लगता है जिससे अध्ययन व अध्यापन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वही कोई हादसा होने के डर से बच्चों को बरामदे में बैठाकर शिक्षण कार्य किया जा रहा है।
कायाकल्प के नाम पर इन पुराने कक्षाओं की रंगाई पुताई व टाइल्स लगवा कर इतिश्री कर ली गई वर्तमान में विद्यालय में दौ सो दस के ऊपर है जबकि यहाँ पर दस शिक्षक शिक्षकाएं कार्यरत है पुरानी कक्षाओं में बीस से अधिक छात्रों के बैठने की व्यवस्था नहीं है ऐसे में सवाल उठता है की तहसील मुख्यालय पर स्थित होने के बाबजूद न तो प्रशासनिक अधिकारिओं न ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह पता चल पाया कि आखिर इतने छात्र कहाँ पर बैठकर शिक्षा गृहण कर रहे हैं।
विद्यालय में ज़ब छात्रों के बैठने के लिए केबल तीन ही कक्ष हैं तो यहाँ पर 10 शिक्षक शिक्षिकाओं की तैनाती क्यों की गई वही प्रदेश में दूसरी बार योगी सरकार बनने के बाद प्राथमिक विद्यालय की दिशा व दशा सुधारने के लिए विधायकों द्वारा विद्यालयों को गोद लेने का अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य द्वारा प्राथमिक विद्यालय टहरौली किला को गोद लिया गया था लेकिन अभी तक विद्यालय की न तो दशा ही बदली न बदहाली
इस बाबत जब उपजिलाधिकारी श्वेता साहू से बात की गई तो उन्होंने कहा की विद्यालय का निरीक्षण कर समस्या के समाधान के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराया जायेगा
रिपोर्ट- अंकित गौतम टहरौली