मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

झांसी l मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में कृषि, पशुधन, राजस्व, श्रम, नेडा, नमामि गंगे, नगर विकास आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार के जल जीवन मिशन की सर्वेक्षण सूची में प्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जनपदों की तीन स्टार श्रेणी में गाजियाबाद व सबसे तेजी गति से आगे बढ़ने वाले जनपदों की तीन स्टार श्रेणी में महोबा व मिर्जापुर जनपद शामिल हुये हैं। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जनपदों की दो स्टार श्रेणी में शाहजहांपुर, झांसी व चित्रकूट तथा सबसे तेजी गति से आगे बढ़ने वाले जनपदों की दो स्टार श्रेणी में झांसी, चित्रकूट व जालौन जनपद शामिल हुये हैं। कई जिले अक्टूबर माह से दिसम्बर माह तक लगातार सर्वे के टॉप 5 श्रेणी में बने रहे।

उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों को बधाई देते हुये कहा कि हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का अभियान रफ्तार पकड़ चुका है, इसे आगे भी जारी रखना है। अन्य जनपदों के समक्ष यह उदाहरण है, अन्य जनपदों को भी इसी तरह कार्य करना चाहिये। आगामी 26 जनवरी तक 75 लाख परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही मार्च तक 1 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है, अतः जिन जनपदों में कार्य धीमी गति से किया जा रहा है वहां पर मिशन मोड पर इस कार्य को पूरा कराया जाये। हर घर जल पहुंचाने के कार्य की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि कई बार जनपदों द्वारा अच्छा कार्य किया जाता है, लेकिन उसका डाटा पोर्टल पर दर्ज नहीं किया जाता है, इसलिये कार्य के साथ-साथ पोर्टल पर डाटा फीडिंग का कार्य भी कराया जाये।

ऐसे जनपद जहां वृहद गो संरक्षण केन्द्र का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन अक्रियाशील है, उन्हें शीघ्र क्रियाशील कराया जाये। इसके अतिरिक्त जिन जनपदों में वृहद गौ संरक्षण केन्द्र निर्माणाधीन है, उनका कार्य तेजी से पूर्ण कराते हुये आगामी 31 मार्च तक प्रत्येक दशा में क्रियाशील करा दिया जाये। इसके साथ ही समस्त जनपदों में कैटल कैचर क्रय करने की कार्यवाही में तेजी लायी जाये। गौशालाओं के निरीक्षण के लिये रोस्टर के आधार पर नोडल अधिकारियों को नामित किया जाये। निरीक्षण के समय ठंड से बचाव के इंतजाम व पशुओं के चारे की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से देखा जाये। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बच्चों व अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए मण्डल स्तर पर जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज़ पर अटल आवासीय विद्यालय बनाये जा रहे हैं, जिनका संचालन सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से सत्र 2023-24 से होना है। सम्बन्धित जिलाधिकारी इन विद्यालयों का एक बार भ्रमण अवश्य कर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायें। इसके अतिरिक्त ईएसआईसी द्वारा प्रदेश के 7 जनपदों में अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। इन अस्पतालों के बनने से श्रमिकों के साथ आम नागरिकों को भी इलाज की सुविधा मिलेगी, अतः जिलाधिकारी ईएसआईसी के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जमीन सहित अन्य औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करायें।

यूपीनेडा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी पहल कर कलेक्ट्रेट, विकास भवन व नगर निगम के दफ्तरों को टारगेट कर रूफ टाफ सोलर प्लाण्ट लगवायें, जब स्वयं पहल करेंगे तभी अन्य लोग भी प्रेरित होंगे। राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुये स्वामित्व योजना के अन्तर्गत ड्रोन सर्वे का कार्य 90071 ग्रामों में पूर्ण हो चुका है, अवशेष ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य आगामी 31 जनवरी तक अवश्य पूर्ण करा दिया जाये। इससे पूर्व, बहराइच डीएम ने मनरेगा योजनान्तर्गत रोजगार सृजन, जल संवर्धन एवं सामाजिक परिवर्तन के विविध आयाम पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि मानव दिवस सृजन के वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 15 सितम्बर तक 56.50 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया है जो लक्ष्य का 109 प्रतिशत है। जिससे ग्रामीण स्तर पर पलायन को रोकने में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद ने पेंशेंट रेफरल ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम पर प्रस्तुतीकरण देते हुये बताया कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों का ब्योरा दर्ज करने के लिये पेंशेंट रेफरल ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम एप तैयार किया है। चिकित्सकों को अस्पताल आने वाले मरीजों को क्या उपचार दिया गया, इसकी जानकारी एप पर देनी होगी। एप के माध्यम से अस्पताल के डाक्टर से लेकर बेड खाली होने तक की जानकारी मिलेगी। यदि मरीजों को भर्ती करने में आनाकानी की गई तो इसकी शिकायत भी वह ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे, जिस पर तुरंत कार्यवाही की जायेगी। प्रस्तुतीकरण के उपरान्त मुख्य सचिव ने कहा कि गाजियाबाद द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है इसे प्रदेश स्तर पर लागू करने की जरूरत है, इससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।

इसके उपरान्त जिलाधिकारी बिजनौर ने ‘शस्य श्यामला-बिजनौर’ विषय पर प्रस्तुतीकरण देते हुये प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया। जिले में बायर-सेलर मीट का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से बासमती, गुड़, सिरका, अचार, शहद उत्पादकों का निर्यातकों से सीधा सम्पर्क स्थापित कराते हुए गतवर्ष लगभग 08 करोड़ रुपये के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया गया। वर्तमान वर्ष में लगभग 300 करोड़ रुपये का करार विभिन्न निर्यातकों से किया जा चुका है। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चंद्रा, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव, सचिव नियोजन आलोक कुमार, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया,झांसी एनआईसी में मंडलायुक्त डॉक्टर आदर्श सिंह, जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, सीडीओ जुनैद अहमद सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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