सपा विधायक विनोद चतुर्वेदी बने अखिलेश यादव के विश्वासपात्र

कालपी (जालौन)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का झांसी जालौन जनपद के दौरे में कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी को अपनी गाड़ी में बैठा कर सभी जगह जाना तथा महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा करना विधायक के घर पर जाना जैसी कार्यक्रमों से राजनीतिक हलकों में हर जुबान पर यह चर्चा होने लगी है कि कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बहुत ही खास हो गए हैं इतना ही नहीं बुंदेलखंड एवं कानपुर देहात के राजनीतिक निर्णय लेने में विधायक विनोद चतुर्वेदी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं। बीते दिनों झांसी व जालौन आये सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कालपी क्षेत्र के विधायक विनोद चतुर्वेदी का कद बढ़ा गये जिसकी चर्चा जोरों पर हो रही है।
गौरतलब हो कि झांसी कारागार में बंद पूर्व विधायक सपा दीपनारायण यादव से मुलाकात करने 26 दिसम्बर 2022 को आये थे जिनके साथ कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, पूर्व राज्यसभा सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव आदि नेताओ ने पूर्व विधायक दीपनारायण यादव उर्फ दीपक यादव से मुलाकात की थी। वही से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी कार मे कालपी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक विनोद चतुर्वेदी को बैठाकर झांसी एवं जालौन के कार्यक्रम में शिरकत की है। सपा के युवा होनहार नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेन्द्र यादव मौखरी के परिवार के परिवारीजनों से मिलकर शोक संबेदना प्रकट की थी वही कालपी विधानसभा के महेवा गांव मे भी पूर्व ब्लाक प्रमुख समरसिंह उर्फ गुड्डू महेवा व उनके परिवारीजनों से मिले थे। आपको बताते चले कि पूर्व में मैनपुरी में हुए लोकसभा चुनाव में विनोद चतुर्वेदी को समाजवादी पार्टी ने कुछ विशेष जिम्मेदारी सौंपी थी उस जिम्मेदारी को भी विधायक चतुर्वेदी ने बखूबी निभाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दिल जीत लिया।

यही कारण रहा होगा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सैफई में एक छोटे सोफे में अपने बगल में बैठा कर चाय की चुस्की लेते हुए राजनीतिक चर्चाएं भी की थी। राजनैतिक विश्लेषक पंडित नरेंद्र कुमार तिवारी ने भी झांसी जालौन की राजनीतिक यात्रा की समीक्षा करते हुए कहा कि कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी जी ने समाजवादी पार्टी में इतने जल्दी राष्ट्रीय नेतृत्व के नजदीक पहुंचना उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है वह जहां भी रहते हैं प्रभावी भूमिका में रहते हैं। कांग्रेस पार्टी में भी थे तो कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च नेताओं में एक प्रियंका गांधी के भी बहुत ही नजदीक थे।

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