शिव भक्त ने भगवान शंकर को चढ़ाने के लिए काटी अपनी गर्दन

ललितपुर में अनोखी भक्ति सुनने और देखने को मिली है

ललितपुर में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपनी ही गर्दन काटने वाले व्यक्ति दीपक कुशवाहा को अब अफसोस हो रहा है। उसका कहना है कि वह भक्ति तो करेंगा लेकिन ऐसा काम नहीं करेगा। वह भगवान भोलेनाथ को पाना चाहता था।

दीपक की जुबानी पूरी कहानी…

झांसी मेडिकल कालेज में उपचार करा रहे दीपक कुशवाहा ने बताया कि उसने अपने हांथ से पेड़ काटने वाली मशीन से भगवान भोलेनाथ को मनाने के लिए अपनी गर्दन मंगलवार की सुबह 4 बजे काट ली थी। वह अपना शीश भोलेनाथ के चरणों में चढ़ाना चाहते थे लेकिन उसमें हम सफल नहीं हो पाए। दीपक का कहना है कि भगवान भोलेनाथ मेरे सपने में कई बार आए लेकिन बोलते कुछ नहीं थे। दिखाई देते थे, दर्शन देते थे और विलुप्त हो जाते थे। दो साल पहले भोलेनाथ और माता गौरा पार्वती ने दर्शन दिए थे। फिर माता गौरा पार्वती ने आसमानी बिजली चमकने पर दर्शन दिए थे। इसलिए मैं विश्वास करता गया और भगवान को पाना है इसलिए तपस्या तो कर नहीं सकते और सोचा कि ऐसा काम करो कि भगवान के दर्शन हो जाए। इसलिए प्रभु के चरणों में अपना शीश चढ़ाने का प्रयास किया। जिसमें हमें सफलता नहीं मिली। इसमें उसे किसी बात का डर नहीं लगा। जब हम ठीक हो जायेंगे तो फिर दोबारा से भक्ति करेंगे लेकिन ऐसा काम नहीं करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण भी दिखाई दिए और सिर्फ हांथ का इशारा किया और माखन की मटकी से मक्खन खाने के लिए बुलाया। बोले कुछ नहीं। हमने सोचा इनके चरणों में सुख है और मुक्ति मिल जाती है। अब ऐसा काम नहीं करुंगा, पछतावा हो रहा है।

ललितपुर का रहने वाला है दीपक, ऐसे काटी थी गर्दन 

मालूम हो कि दीपक ललितपुर जिले के ग्राम रघुनाथ पुरा का रहने वाला है। उसके पिता पलटूराम का कहना है कि दीपक कुशवाहा मजदूरी कर अपना और परिवार का भरण पोषण करता है। पिता पलटूराम के अनुसार दीपक के दो बच्चे हैं। पिता ने बताया कि दीपक भगवान भोलेनाथ का भक्त है। वह काफी समय से भगवान भोलेनाथ की सुबह-शाम पूजा अर्चना करता था। पिछले कुछ महीनों से वह कह रहा था कि अपनी गर्दन काटकर वह भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करेगा। उन्होंने दीपक को काफी समझाया लेकिन वह समझने का तैयार नहीं था। वह एक नोटबुक में भगवान भोलेनाथ से जुड़े मंत्र और बातें लिखता था। इस नोट बुक में एक जगह लिखा कि भगवान भोलेनाथ को शीश आर्पित करेंगा। पिता का कहना है आज सुबह लगभग 4 बजे वह क्षेत्र में स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर गया। जहां उसने पेड़ काटने वाली मशीन से भगवान भोलेनाथ के चबूतरे के समक्ष गर्दन काट ली और बोला जय भोलेनाथ। जिसकी आवाज घूमने गए ग्रामीणों ने सुनी और मंदिर में जाकर देखा तो दीपक खून से लथपथ पड़ा हुआ था। जानकारी होते ही परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में उपचार के लिए उसे झांसी मेडिकल कालेज ले आए। जहां उसका उपचार चल रहा है।

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