जालौन (उरई)। हरी मटर के दामों को लेकर फली व्यापार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम से मुलाकात कर दामों को स्थिर रखने के संदर्भ में सुझाव दिए। जिस पर एसडीएम ने विचार करने का आश्वासन दिया। नगर में हरी मटर का बड़ा क्षेत्र है। हरी मटर के दाम पिछले कुछ दिनों से अस्थिर बने हुए हैं। जिसको लेकर किसान व्यापारियों पर आरोप लगा रहे हैं।
इस समस्या को लेकर फली व्यापार संघ के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम सना अख्तर से मुलाकात की। जिसमें मटर के व्यापारियों ने बताया कि फली का व्यापार अभी इसलिए प्रभावित हो रहा है क्योंकि किसान जो पैकेट लेकर आते हैं उनमें 75 से लेकर 95 किग्रा तक हरी मटर की पैकिंग की जाती है। इससे पल्लेदारी बढ़ जाती है। पल्लेदारों को भी दिक्कत होती है। बड़ी पैकिंग के कारण बाहर की मंडियों में यहां की मटर सस्ते दामों पर खरीदी जाती है। जबकि अब हरी मटर की लगभग सभी स्थानों पर पैदावार की जाने लगी है। जहां 45 से लेकर 50 किग्रा तक की पैकिंग होती है। किसान पैकिंग के साथ खरपतवार भी भर लाते हैं।
ऐसे में मटर के दामों पर फर्क पड़ना स्वभाविक हैं। क्योंकि पैकिंग में ही खरपतवार की भी तौल हो जाती है। ऐसे में मटर के दामों पर असर पड़ता है। पैकिंग और खरपतवार के कारण किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने एसडीएम से मांग करते हुए कहा कि हरी मटर की पैकिंग को 40 से 50 किग्रा तक कराया जाए और किसानों को मटर में खरपतवार मिलाकर लाने से रोका जाए। जिससे किसानों को हो रहे नुकसान को रोका जा सकता है। इस मौके पर इकबाल मंसूरी, सुलेमान राईन, नरेंद्र महाराज, छत्रपाल कुशवाहा, पंकज गुप्ता, हकीम राईन, टिंकू राईन, सोहराब राईन, जमालू राईन, बबलू मंसूरी, वाहिद राईन आदि व्यापारी मौजूद रहे।