आम लोगों में दृष्टिहीनता या नेत्र संबंधी समस्याओं को 1.4 प्रतिशत के स्तर से घटाकर 0.3 प्रतिशत तक लाने के लक्ष्य के साथ भारत में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। बदलते परिवेश व आधुनिकता की परीणीति के रुप में नेत्र संबंधी विकारों के मरीजों की संख्या में वृद्धि की है। मोबाइल के अधिक उपयोग से भी नेत्र संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इन समस्याओं से निपटने के लिये जरूरी है कि नेत्र संबंधी समस्याओं के संबंध में आम जनमानस में जागरुकता व निवारण के उपायों पर चर्चा की जाये। यह बातें ईको प्लेटफार्म के माध्यम से सी.एच.ओ. के लिये आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. विनोद यादव ने कहीं।
डा. यादव ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष लाखों लोगों को मोतियाबिंद की सर्जरी की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं परन्तु नेत्र संबंधी जागरुकता की कमी के कारण अनेक बार मरीज गंभीर समस्याओं के साथ आते हैं इसके लिये जरुरी है कि दृष्टिहीनता नियंत्रण के उपायों को ग्रामीण स्तर पर चर्चा का विषय बनाया जाये।
सेमिनार में सम्बोधित करते हुये मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम. आनंद चौबे ने बताया कि झाँसी मण्डल के सभी हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर नेत्र परीक्षण की व्यवस्था की गयी है इस हेतु तैनात सी.एच.ओ. को नेत्र रोग संबंधी समस्याओं की पहचान व साधारण उपचार का प्रशिक्षण दिया गया है इसके साथ ही नेत्र संबंधी विशिष्ट समस्याओं के लिये ऑनलाइन ओ.पी.डी. के माध्यम से नेत्र रोग विशेषज्ञों से परामर्श की व्यवस्था भी की गयी है ताकि ग्रामीण स्तर पर लोगों को आसानी से ये सेवाएं मिल सकें।
सेमिनार के दौरान डा. विनोद यादव ने सेमिनार के दौरान सी.एच.ओ. के उनके स्तर के नेत्र संबंधी उपचार का गहन प्रशिक्षण दिया जिसमें नेत्र संबंधी होने वाले सामान्य इफेक्शन, मोतियाबिंद की पहचान, बच्चों में नेत्र विकार व आँखों की बेहतर सेहत के नुस्खे सिखायें। सेमिनार के दौरान अनेक सी.एच.ओ. ने प्रश्न कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
सेमिनार के दौरान मण्डल के मो. अतीब खाँन, सुनील सोनी, धीरज चौहान, जयप्रकाश आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में झाँसी, जालौन व ललितपुर के लगभग 200 से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। डी.सी.पी.एम. झाँसी प्रशान्त कुमार वर्मा ने संचालन किया।