उरई (जालौन)। ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की भूख का अवैध वेंडर जमकर फायदा उठा रहे है। आरपीएफ व जीआरपी की सांठगांठ से पैसेंजर्स की सेहत से भी खिलवाड़ हो रहा है। हर माह रेलवे को लाखों का राजस्व का भी नुकसान भी हो रहा है। उरई रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों के द्वारा पैसेंजरो की जिंदगी से भी खिलवाड़ किया जाता है। अवैध वेंडरों द्वारा पैसेंजरो के साथ इन दिनों जिंदगी से खुलेआम किया जा रहा है। इन वेंडरों के हौसले जीआरपीएफ व आरपीएफ के ही दिन प्रतिदिन बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। उरई रेलवे स्टेशन अवैध वेंडर्स के कब्जे में जकड़ गया है।
लंबे समय से उरई रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडर पूरी तरह से सक्रिय हो गए है। इतना ही नहीं अवैध पूड़ी, सब्जी से लेकर अवैध पानी की बोतलें और अन्य अवैध खाद्य पदार्थ स्टेशन पर जमकर बेंच रहे है। वहीं सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक अवैध वेंडर से 50 रुपये की दर अबैध बसूली होती हैं। हैरानी की बात तो यह है कि वैध-अवैध बेंडरों की पहचान करना तक मुश्किल है। स्टेशन में वैध-अवैध वेंडरों पर फर्क करना यात्रियों के लिए बहुत मुश्किल है। क्योंकि अवैध वेंडर भी यूनिफॉर्म में खाद्य सामग्री बेंचते पकड़े गए हैं। बताया जाता है कि जब भी कोई बाहर की टीम आने से पहले ही अवैध वेंडर गायब हो जाते हैं। सबसे पहले पटरी पर रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाते फिर यात्रियों को मनमाने रेट पर सामान बेचते हैं।
अवैध वेडिंग से खफा लाइसेंसधारी, कई स्टॉल हो चुके बंद
अवैध वेडिंग से खफा लाइसेसधारियों ने अपने स्टॉल तक बंद कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि कई बार रेल प्रशासन से रेल सुरक्षा बल के अफसरों से शिकायत कर चुके हैं। मगर अवैध वेंडरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे यह काफी घाटे में चले गए। जिस कारण स्टॉलों को बंद करना पड़ा है। इनमें तीन स्टॉल है जो बंद हो चुके हैं। इसके अलाव कई स्टॉल संचालक भी स्टॉल बंद करने का मन बनाया है। सूत्र बताते हैं कि कई गुना लाइसेंस फीस होने से स्टॉल बंद होने की कगार पर आ चुके हैं।