उरई (जालौन)। गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इण्ट्रीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेन्टर का निरीक्षण किया स्वास्थ्य विभाग के कर्मी अरविन्द यादव, डीपीआरओ कार्यालय के कर्मी भूप सिंह तथा शिक्षा विभाग के कर्मी अरविन्द ड्यूटी पर उपस्थित मिले। आईसीसीसी के निम्नलिखित नम्बर क्रियाशील है 7307571929, 7307564677, 05162-252516, 250039. 253372, 257090, 250855 तथा उक्त नम्बर पर 24 घंटे कॉल करके किसी भी प्रकार की मेडीकल सहायता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि जनपद में 19 अक्टूबर 2022 के बाद कोई भी कोविड का केस नहीं पाया गया है लेकिन जिलाधिकारी चाँदनी सिंह के निर्देश पर आईसीसीसी को पूरी तरह से कियाशील कर दिया गया तथा एडीएम नमामि गंगे को आईसीसीसी का नोडल अधिकारी बना दिया गया है। आईसीसीसी के विभिन्न कार्यों के लिये जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तरीय अधिकारियों को नोडल बनाया गया है एवं जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है तथा किसी भी स्थिति में निपटने के लिये आईसीसीसी के माध्यम से प्रबन्धन करने के लिये तैयार है।
शीतलहर से बचने के लिये जरूरी होने पर ही निकले घर से बाहर
वर्तमान में शीत लहर का प्रकोप जारी है एवं शीत लहर से व्यक्ति सुरक्षित रहे तथा बीमार न पड़ें। शीत लहर से शरीर को कोई नुकसान न हो इसके संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया जहां तक संभव हो रात मंे तथा जल्दी सुबह घर के अंदर रहे तथा अति आवश्यक होने पर दिन के समय ही घर से बाहर जाये। अनेक सतह के ढीले ऊनी कपड़ो का प्रयोग करें। जुकाम, नाक बहने, नाक से खून आने की स्थिति मे तत्काल डाक्टरों को दिखाय सब्जियो तथा फलो का प्रयोग करे जिससे पर्याप्त विटामिन सी शरीर को मिले एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़े, खाली पेट घर से बाहर न जाये तथा पौष्टिक आहार ले। गर्म पेय पदार्थ चाय, काफी गुनगुने पानी का सेवन खूब करें। बच्चों, बुजुर्गों, कमजोर व्यक्तियो की विशेष देखभाल करें। बन्द जगह, कमरे मे कोयला न जलाये जहरीली गैस कार्बन मोनोअक्साइड घातक हो सकती है।
क्या न करें
ज्यादा देर तक ठण्ड में न रहे। शराब का सेवन न करें। ठण्ड लगी है तो उंगली हाथ पैर में मालिश न करे। यदि व्यक्ति पूरी तरह से होश में न हो तो पेय पदार्थ न दे ।
ठण्ड लगने का लक्षण
हाथ, पैर की उंगलिया सफेद पड़ना, नाक, कान सफेद पड़ना। शरीर का तापमान कम होना, कंपकपी होना, बोलने में कठिनाई, नींद न आना, जकड़न, सांस लेने में दिक्कत, कमजोरी, सुस्ती आना। जुकाम होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाना, हाइपोथर्मिया मेडिकल इमर्जेन्सी है तत्काल ही मरीज को गर्म जगह पर रखे। कम्बल से ढके तथा गर्म पेय पदार्थ पिलाये।