उरई (जालौन)। मप्र के कटनी जनपद से आधा सैकड़ा से अधिक मजदूरों को वन विभाग कालपी के सोहरापुर नर्सरी में काम के लिये दो माह पूर्व लाया गया जहां पर उन्होंने परिजनों के साथ वन विभाग के बताये अनुसार हांड़तोड़ मेहनत कर काम किया। लेकिन जब मजदूरों ने अपना भुगतान मांगा तो वन रेंजर आनाकानी कर उन्हें धमकाने पर उतर आये। इसके बाद मजदूरों ने न्याय पाने की आशा के साथ जिला मुख्यालय आ गये जहां उन्होंने डीएम से मजदूरी दिलाने की गुहार लगायी थी। शनिवार को दिन भर प्रशासनिक अधिकारियों ने वन विभाग व पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की लेकिन मजदूरों की मजदूरी दिलाने का रास्ता नहीं निकल पाया। अब वन विभाग ने एक नया पेंच फंसा दिया कि वह मजदूरों का भुगतान करने को तैयार है लेकिन मजदूरों को इसके लिये अपने आधार कार्ड व बैंक का खाता नंबर देना होगा। ताज्जुब की बात तो यह है कि ज्यादातर मजदूरों के पास न तो आधार कार्ड हैं और न ही उनके नाम से बैंक खाता है। ऐसी स्थिति में मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कैसे संभव होगा और कब तक होगा इसका जबाब किसी जिम्मेदार अधिकारी के पास नहीं मिला।
उल्लेखनीय हो कि मप्र के जनपद कटनी निवासी अमोल, महेंद्र, शानिराम, दर्शन लोनी, अमर लोनी, राम लौनी, अतुल, राजा कोल, सत्यप्रकाश, पूजा, दीपिका, सुकाराती, सीमा, द्रोपती, पुष्पा, मुकेश, खुशबू, केदार, कप, राजरानी सहित आधा सैकड़ा से अधिक मजदूर वन विभाग की कालपी रेंज व सोहरापुर नर्सरी में प्लांटेशन व गड्ढे खुदाई का कार्य कराया गया। लेकिन जब उनके भुगतान की बात सामने आयी तो वन रेंजर उससे मुकर गये। मजदूरों की मानें तो उन्हें अब तक 19 लाख 11 हजार 620 रुपये के सापेक्ष महज 44 हजार रुपये ही दिये गये। जब मप्र के मजदूर अपनी समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मिले तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मामले का समाधान कराने के निर्देश दिये थे। इसीक्रम में दिन भर अधिकारियों ने वन विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग की तो वन रेंजर ने मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने में नया पेंच फंसाते हुये कहा सभी मजदूर अपने आधार कार्ड व बैंक खातों का नंबर दें तभी उनकी मजदूरी का भुगतान कराया जायेगा। लेकिन ज्यादातर मजदूरों के पास न तो आधारकार्ड है और न ही उनके किसी बैंक शाखा में खाता खुले हैं। ऐसी स्थिति में मजदूरों का भुगतान वन विभाग कैसे कर सकेगा। उधर मजदूरों का कहना है कि जब तक उन्हें वन विभाग पूरा भुगतान कर देता तब तक वह डीएम कार्यालय परिसर में ही ढेरा जमाये रखेंगे।
देर शाम हुई समझौता वार्ता में भी नहीं निकल सका समाधान
उरई। मप्र के कटनी जनपद से वन विभाग कालपी रेंज की सोहरापुर नर्सरी में काम करने आये मजदूरों को मजदूरी का भुगतान का रास्ता तैयार करने के लिये देर शाम वन विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दो घंटे माथापच्ची हुयी जिसमें वन विभाग ने 4 लाख रुपये मजदूरी का भुगतान करने की बात स्वीकार की। इस पर मजदूरों का कहना था कि उनका भुगतान कैश में कर दिया जाये ताकि वह भी होली त्यौहार पर अपने घर पहुंच सके। लेकिन वन विभाग ने भुगतान करने के नाम पर फिर पलटी मारते हुये कह दिया कि वह मजदूरी का भुगतान कैश में नहीं बल्कि बैंक खातों में पहुंचायेंगे। जिससे मामला जहां से शुरू हुआ था वहीं पर आकर टिक गया। समाचार लिखे जाने तक सभी मजदूर परिवार अपने बच्चों के साथ जिनकी संख्या लगभग एक सैकड़ा बतायी जा रही है डीएम कार्यालय परिसर में ही ढेरा जमाये हुये थे।