माधौगढ़ (जालौन)। माधौगढ तहसील क्षेत्र में एक गांव ऐसा है जहां पात्रो को नहीं मिलते आवास वही अपात्रों को दिए जाते सरकारी आवास l जिसकी शिकायत ग्रामीण ने विकास खंड अधिकारी से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो शिकायतकर्ता ग्रामीण ने सीडीओ का दरवाजा खटखटाया जिस पर सीडीओ ने जांच के आदेश दिये थे।
इसके बाद से ही क्षेत्र पंचायत कार्यालय में हड़कंप मच गया और आनन फानन में ब्लॉक कर्मचारियों ने गांव में पहुंचकर जांच के नाम पर औपचारिकता निभाते हुये अपात्रों को ही पात्र बता दिया तो शिकायतकर्ता ग्रामीण ने फिर से शिकायत की तो अब ग्राम प्रधान, खंड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत व सचिव के द्वारा ग्रामीण को शिकायत वापस लेने की धमकी दी गयी। इस पर ग्रामीण ने कहा कि पात्रों को ही आवास दिया जाये तभी वह शिकायत वापस लेगा।
मामला माधौगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत छौना का है। जहां 2020 में आवास की बनी लिस्ट जिसमे 14 लोगों के नाम छूट गए थे लेकिन दूसरी लिस्ट बनी तो उसमें 14 लोगों के नाम आये 14 में से केवल चार लोग ऐसे है जो पात्र है बाकी सभी अपात्र है जिसको लेकर ग्रामीण मंजीत सिंह सेंगर पुत्र गोविंद सिंह सेंगर निवासी छौना ने की शिकायत शिकायत के बाद जांच टीम के द्वारा की गई खानापूर्ति नहीं बुलाया गया शिकायतकर्ता को जिस पर शिकायतकर्ता ने रजिस्ट्री के माध्यम से जिलाधिकारी से पास शिकायत भेजी थी। अब शिकायत वापस करवाने को लेकर प्रधान सुरेश सिंह राठौर ने ग्रामीण को दी धमकी देने का मामला प्रकाश में आने के बाद तूल पकड़लना शुरू कर दिया है।