टहरौली कस्बे में दस से पंद्रह दिन से मेंदे और कुंदा, बूरा से बन रही है मिलावटी मिठाइयां

टहरौली (झाँसी) टहरौली कस्बे में इन दिनों रक्षाबंधन त्यौहार आते देख मिठाई की दुकानदारों ने बनाई मिलावटी मिठाईयां । लोगों को खतरा नजर आ रहा है इन मिठाइयों को खाने से ।

जानकारी के अनुसार कोई भी पर्व आए कस्बे में बनी होटल मालिक अपने मुनाफे के चक्कर मे क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य से परहेज नही करते क्योंकि उन्हें अपने मुनाफे के चक्कर मे किसी का स्वास्थ्य नजर आता ही नही है ।

आपको बता दें कि आने वाले पर्व रक्षाबंधन पर मिठाइयों की दुकानों पर बेतहासा भीड़ देखने को मिलती है ।जिसमे बहने अपने भाइयों को कलाई पर राखी बांध कर और उन्हें मिठाई खिलाकर अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है । लेकिन उन्ही बहनों को क्या पता रहता है कि जो हम मिठाई अपने भाइयों को खिलाकर उनकी लम्बी उम्र की कामना कर रहे है वह मिठाई भाइयों को कंही नुकसान न पहुँचादे,आपको बता दें कि आप लोगो ने कई वार सुना होगा कि मिलावटी मावा या मेंदे की इन रंग बिरंगी सजी हुईं और बर्क इत्यादि की मिठाइयां खाने से लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। कंही यही घटना अपने टहरौली में देखने को न मिल जाए। हालाँकि टहरौली तहसील के मुख्यालय से महज पाँच सौ छःसौ मीटर की दूरी है इन मुख्य मिष्ठान की दुकानों की इसके बाबजूद भी कस्बे में धड़ल्ले से करीब दस से पंद्रह दिनों से मिलावटी मिठाइयां बनाकर तैयार कर रख ली जाती है फिर भी तहसील में वैठे प्रशाशनिक अधिकारियों की नजर आखिर इस तरह के मिलावटी खेल को कैसे नही देख पाते जबकि फूड इंस्पेक्टर की तैनाती तहसील स्तर पर की जाती है फिर भी इतना बड़ा खेल आखिर लोगो के स्वास्थ्य के साथ कैसे खेला जाता है क्या इन्हें परवाह नही है या फिर कुछ और ही कारण रहते है । जो एक सबाल खड़ा करते हैं। आज भी आप कस्बे के बाज़ार में जाकर देखे तो आपको हकीकत समझ आ सकती है क्योंकि जो भी मिठाइयां या पकवान होटल संचालक बनाते है उन्हें न ही तो वह ढक कर रखते न ही उचित सफाई नजर आती है जिसके चलते धूल, मख्खी, कीड़े आदि मिठाइयों पर आ जाते है और अनेको बीमारी फैलती है जिससे लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है और फिर वही मिठाई खाकर लोग बीमार होकर अस्पताल और हॉस्पिटल में भागे भागे फिरते है प्रशाशनिक अधिकारियों को इस तरफ अपनी नजर घुमाकर देखना चाहिए कि कंही आपके क्षेत्र में कोई भी होटल या अन्य मिलावटी मिठाई या अन्य उत्पाद तो नही बना रहा है ।इस ओर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और प्रशाशनिक अमला को ध्यान देना चाहिए।

  • मुझे जानकारी प्राप्त हुई है जल्द ही जांच कर मिलावट करने वालो पर उचित कार्यवाही की जाएगी
  • फूड इंस्पेक्टर सतेंद्र भारती

जानकारी तो यंहा तक प्राप्त हुई है कि विगत कुछ सालों पहले उपजिलाधिकारी टहरौली सहित विभागीय कर्मचारियों ने इन मिलावटी होटल वालो की दुकानों पर कार्यवाही करते हुए कुछ मिष्ठान मिलावटी पाए गए थे। उन सभी होटलों की मिठाई एकत्रित करके जमीन में दफन करवा दी गई थी । आखिर इसके बाबजूद भी मिठाई वाले अपनी हरकतों से बाज नही आते जैसे ही वर्ष का कोई भी त्योहार आता है इन्हें केवल अपना मुनाफा जँहा नजर आता है वह अपना मिलावट का खेल फिर से शुरूं कर देते है । जबकि तहसील स्तरीय अधिकारी भी मात्र छः सौ मीटर। की दूरी पर रहते इसके बाबजूद भी इन्हें किसी का भय नही रहता । जानकारी के अनुसार कस्बे में करीब तीस से पचास कोंटल मिठाई बनाई जाती है ओर यही मिठाई विक्रय की जाती है। जिससे कई लोग बीमारियों से ग्रसित हो जाते है । मेंदे की इन रंगीन मिठाईयों को लाल,हरे, नारंगी,पीले आदि रंग की मिठाई को इस तरह सजा दिया जाता है और ये दुकान बाले खोवा और मावा की बता कर 200 से 300 रुपया किलो मैं बेच देते हैं जिससे इन दुकान दारों को लाखों रुपया कमाने का मौका मिल जाता है। तहसील क्षेत्र देहाती होने के कारण यहाँ की भोली भाली जनता इन मिलाबट भरी मिठाईयां को दुकान बालों से खरीद ले जाते हैं।

मिलावट करने वालो के खिलाफ उचित कार्यवाही होनी चाहिए जिससे मिलावटी मिठाई खाने वालो को बीमारियों से बचाया जा सके

आदित्य चौहान जिला संयोजक बजरंग दल

मिलावटी मिठाइयों के सम्बंध में जानकारी प्राप्त हुई है जानकारी लगते ही फूड विभाग को निर्देशित कर जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए गए है

उपजिलाधिकारी टहरौली अबुल कलाम

रिपोर्ट- अंकित गौतम 

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