उरई(जालौन)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि भाजपा के द्वारा खत्म किए जा रहे ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए समाजवादी पार्टी सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी और जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन भी करेगी।
मंगलवार को उरई पहुंचे सपा मुखिया अखिलेश यादव सबसे पहले विजय विक्रम रिसोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने युवजन सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र मौखरी को श्रद्धांजलि दी, जिनका विगत सोमवार को हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था। अखिलेश यादव ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिजनों से मुलाकात की, साथ ही पार्टी की तरफ से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी के उरई आवास पर जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद वह युवा नेता दीपराज गुर्जर के आवास पर गये।
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव के आवास पर पहुंचकर उनकी पत्नी के निधन पर शोक व्यक्त किया। वह वरिष्ठ सपा नेता अनूप यादव के आवास पर भी गये उनकी पत्नी का कोरोना से निधन हो गया था वहां संवेदना व्यक्त की। हालांकि उनके कार्यक्रम से सुबह से ही जाम की स्थिति का सामना कर रहे राजमार्ग पर चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना न करने पड़े जिससे पूर्व मंत्री दयाशंकर वर्मा के आवास पर नही जा पाये। हालांकि पूर्वमंत्री दयाशंकर के पुत्र अंकित वर्मा के नेतृत्व में युवा कार्यकर्ताओं के साथ हाईवे पर जोरदार स्वागत किया गया।
इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव दादी, सुरेन्द्र बजरयिा, पूर्व विधायक कप्तान सिंह राजपूूत, पूर्व मंत्री नारायणदास अहिरवार, पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा, पूर्व मंत्री भगवती सागर, पुष्पेन्द्र सिंह ममना, राजबहादुर पाल हमीरपुर, मुत्र आमीन खान, चुन्ना हुसैन, संजय रेड्डी, शफीकुर्रहमान कश्फी, तेजप्रताप यादव, दीपू त्रिपाठी, चंद्रपाल रूरा, गिल्लू भिटारी, मु. तारिक, शिवेन्द्र सिंह यादव, रविन्द्र यादव, थोपन यादव, नत्थू कुशवाहा, केके प्रजापति, मइयादीन पांचाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद यादव, विवेक यादव, असलम राहिया, सभासद शैलेन्द्र श्रीवास, जीवन बाल्मीकि, दिनेश जैसारी, सिद्धार्थ गौतम, मिर्जा साबिर बेग, विजय शुक्ला,अभिषेक रक्यवार, मोनू यादव, इकबाल मंसूरी, शबीउद्दीन, अनुरूद्ध द्विवेदी, राजपाल जाटव, सत्यम ठाकुर, विमलेश सिंह, गणेशदत्त गिरि, लोचन दाऊ, रामकुमार चैहान आदि सैकडों कार्यकर्ता मौजूद रहे।