विद्युत एसडीओ पर दलित महिला ने लगाया मारपीट का आरोप

उरई (जालौन)। महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा या अभद्रता के मामलों को प्रदेश सरकार भले ही प्राथमिकता से लेने के निर्देश देती हो लेकिन सदर कोतवाली पुलिस उसके ठीक उलट कार्य करने की आदी हो चुकी है। ऐसा ही एक मामला मोहल्ला रामनगर ईदगाह के पीछे का प्रकाश में आया जहां शनिवार को विद्युत एसडीओ उरई अपने साथ कुछ कर्मियों को लेकर पीड़िता के आवास पर पहुंचे चूंकि उस दौरान महिला घर में अकेली थी लेकिन एसडीओ बार-बार घर में घुसने की जिद करने लगे जब महिला ने इसका विरोध किया तो मामला मारपीट व अभद्रता तक पहुंच गया। ऐसा पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है। बाद में पीड़िता ने मामले की लिखित तहरीर सदर कोतवाली पुलिस को दी तो पुलिस ने न तो महिला की तहरीर पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। जब महिला ने अपने शरीर पर चोटों के निशान दिखाये तो पुलिस का कहना कि पहले वह मामले की जांच करेंगे बाद में कुछ कार्यवाही होगी।

उक्त आशय का प्रार्थना पत्र सदर कोतवाली पुलिस को देते हुये ऊष सिंह पत्नी कमलेश कुमार सिंह निवासी मोहल्ला रामनगर उरई ने बताया कि शनिवार की शाम जब वह अपने आवास में अकेली थी उसी दौरान बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी चेकिंग के नाम पर उनके आवास पर आये और बिल दिखाने की बात करने लगे। जब मेरे द्वारा बिल दिखाया गया तो बोले आपका बिल तो बहुत कम आ रहा है। मकान तो इतना बड़ा बना है। मैने कहा कि सर महान बड़ा होने से क्या होता है बिल तो हमेशा हमारा जमा होता है। इसके बाद उक्त लोग बोले कि आप बिजली चोरी करती है और मीटर तोड़ने लगे। मेरे द्वारा मना करते हुये कहा कि आप मेरे पति को तो आने दीजिये फिर जो कार्यवाही हो करना लेना।

इसके बाद तो उक्त लोग बुरी तरह से भड़क गये और जातिसूचक शब्दों बोलने लगे। जिसमें अभिषेक कुमार एसडीओ ने काफी भला बुरा कहते रहे। जब मैंने अमर्यादित भाषा का विरोध किया तो उक्त लोग मकान के अंदर आकर छीना छपटी और मारपीट करने लगे। बाद में उक्त लोग यह कहते हुये चले गये कि कल आकर देख लेंगे। जब चूंकि उस दौराने मेरे पति ड्यूटी पर थे मैंने अपने पति को उक्त घटना के बारे में जानकारी दी तो वह बोले घर आकर बात करेंगे। लेकिन एसडीओ मेरे घर का मीटर तोड़ने के बाद देख लेने की धमकी देकर ले गये। उक्त मामले में समाचार लिखे जाने तक कोतवाली उरई पुलिस ने महिला की तहरीर पर मामला दर्ज नहीं किया और न ही महिला का चिकित्सीय परीक्षण कराया। जब पीड़िता ने बार-बार पुलिस ने चिकित्सीय परीक्षण कराने की बात कही तो पुलिस ने कहना था कि पहले वह मामले की जांच करेंगी बाद में कोई कार्यवाही करेगी।

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