रिश्वतखोर प्रोफेसर संभालेगा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से G20 समिति की कमान

झांसी। बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय हर दिन किसी न किसी बात पर सुर्खियों में बना रहता है लेकिन इस बार विश्वविद्यालय अपने कुछ अधिकारियों की वज़ह से बड़े स्तर पर सुर्खियों में आने की तैयारी कर चुका है, पिछले वर्ष घूसखोरी के एक बहुचर्चित कांड के आरोपों में घिरी बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय की एक एसोसिएट प्रोफेसर को घूसखोरी की सजा देने के बजाय उस प्रोफेसर को अधिकारियों ने उसे एक अति महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी से नवाजा गया। एक अधिकारी के विशेष आपसी व्यवहार के चलते प्रोफेसर को अतिआवश्यक कार्य सौंपा गया। वैसे बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय के अधिकारी अपने कई और चौंकाने वाले फैसलों से जब तब चर्चा में रहते हैं। अधिकारियों का यह फैसला इसलिए सवालों के घेरे में क्योंकि पिछले साल हिमाचल प्रदेश में 11 लाख से अधिक की रिश्‍वत के मामले में आरोपी एसोसिएट प्रोफेसर को बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय की ओर से जी 20 की नई ब्राण्‍ड एम्‍बेसडर नामित करवा दिया गया है।

अब सवाल यह है कि जो शख्स संगीन आरोपों के घेरे में हो वह कैसे जी 20 में भारत की भूमिका के बारे में बच्चों को जागरूक कर उनका बौद्धिक बदलाव कर सकेगी। पिछले साल विभिन्न मीडिया समूहों की ओर से प्रकाशित खबरों में उनका कारनामा सुर्खियां बना। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विगत वर्ष 2022 में जनवरी माह में राष्‍ट्रीय अध्‍यापक शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से हिमाचल प्रदेश के निजी क्षेत्र में संचालित अध्‍यापक प्रशिक्षण संस्‍थानों (B.Ed, M.Ed) का निरीक्षण करने के लिए चार सदस्‍यीय टीम भेजी गई थी। इस टीम ने हिमाचल कांगड़ा के चार शिक्षण संस्‍थानों का निरीक्षण किया। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला की राज्‍य सर्तकता एवं भ्रष्‍टाचाररोधी (विजिलेंस) ब्‍यूरो को गुप्‍त सूचना मिली थी कि इस टीम ने निरीक्षण में मिली कमियों को छिपाकर सही रिपोर्ट देने के बदले में लाखों रुपए वसूले हैं।

इस सूचना पर जब विजिलेंस की टीम ने छापा मारा तो दो सदस्‍यों को दो लाख रुपए की रिश्‍वत लेते क्षत्रिय कालेज ऑफ एजूकेशन इंदौरा कांगड़ा में रंगे हाथ पकड़ा। वहीं एक होटल में ठहरे टीम के दो सदस्‍यों को विजिलेंस टीम ने 11.48 लाख रुपये के साथ पकड़ा था। इनमें से एक सदस्‍य बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। विगत एक वर्ष में न तो उनकी जांच कर समुचित विभागीय कार्यवाही की गई न ही उसे विवि प्रशासन ने गंभीर मामला माना। अब उनको एक ब्रांड एंबेसडर की जिम्‍मेदारी दे दी गई है, जोकि जी 20 के ब्रांड को पूरे क्षेत्र में प्रचारित प्रसारित करेगा। अब सहज अनुमान लगा सकते हैं कि जी 20 के प्रति बुन्‍देलखण्‍ड विश्‍वविद्यालय के अफसर कितने गंभीर हैं।

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