उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का बड़ा फैसला आय़ा है.पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर हाईकोर्ट ने सरकार को बड़ा झटका दिया है. जब तक ट्रिपल टेस्ट न हो तब तक ओबीसी रिजर्वेशन नहींदिया जा सकता है. राज्य सरकार जल्द चुनाव कराए,
निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला आज को सुना दिया है. हालांकि इस दौरान कोर्ट ने राज्य सराकर को झटका देते हुए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है. वहीं कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही राज्य में चुनाव कराने का फैसला सुनाया है. इससे पहले हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने सुचना जारी करते हुए बताया है कि चूंकि ट्रिपल टेस्ट किए बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण नहीं दिया जा सकता और ट्रिपल टेस्ट में काफी वक्त लग सकता है जबकि निकायों के कार्यकाल 31 जनवरी 2023 तक समाप्त हो रहे हैं लिहाजा सरकार निकाय चुनावों की अधिसूचना तत्काल जारी करे। एससी-एसटी आरक्षण के सिवा सभी सीटें सामान्य होंगी। यह भी स्पष्ट किया है कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक महिला आरक्षण दिए जाएं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि नए निर्वाचित निकायों के गठन के पूर्व वर्तमान निकायों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है तो निकाय का कामकाज तीन सदस्यीय कमेटी देखेगी जिसमें डीएम, अधिशासी अधिकारी या म्युनिसिपल कमिश्नर तथा एक जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य होंगे। यह कमेटी कोई बड़ा नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी।