टहरौली पिपरा के देव स्थल दद्दा महाराज में भागवत कथा के अंतिम दिन बताई जीने की कला

टहरौली। पंचायत पिपरा देव स्थल दद्दा महाराज पर श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन कथावाचक जय प्रकाश तिवारी ने कथा का सारांश सुनाकर जीवन को जीने की कला भी समझाई। कई उपदेशात्मक वृतांत सुनाकर भक्तों को निहाल भी किया। व्यासपीठ से कथावाचक ने सातों दिन की कथा का सारांश किया। उन्होंने बताया कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है। इसे कैसे जीना चाहिए, यह भी समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाया। कृष्ण और सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्णा ने गरीब सुदामा का उद्धार किया। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। गौवध, कन्या भ्रूण हत्या का विरोध और गौ सेवा करने पर भी कथावाचक ने जोर दिया।

आचार्य अखलेश शास्त्री पूछी करगुवा ने भगवान के बाल रूप से लेकर उनके जीवन के बारे में बताया। जबकि इस संगीतमय भागवत कथा में दीपक पुरोहित और जगमोहन ने साज सज्जा के साथ अभिनव किया।उई

कथा के समापन अवसर पर महाआरती व प्रसाद का वितरण किया गया इस भागवत कथा में मुख्य यजमान अनुराधा राजेंद्र यादव और आयोजक रामप्रकाश यादव( छोटे) और रामनरेश यादव बड़े ने बताया कि ग्राम पिपरा के लिए बड़े हर्ष का विषय है कि 7 दिन भागवत कथा दद्दा महाराज के पावन प्रांगण में चल रही है। कथा समापन संध्या के समय महा आरती का अयोजन किया गया। जिसमे अशोक कुमारी – रमेशचंद्र, प्रवेश कुमारी – पूरन लाल,आनंदी- अशोक कुमार, गायत्री देवी – ब्रजकिशोर यादव पूर्व प्रधान, सुलेखा सुखदेव सिंह, सीता देवी- संजय ,मुलायम सिंह,महिपाल सिंह, रवि, गौरव, सौरभ, ऋषि ,राहुल, सुमित, कपिल यादव ,अभय यादव के साथ गांव के सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।

इसके उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में आए भागवत कथा के भागवता आचार्य और सभी अतिथियों का प्रशांत यादव पिपरा ने आभार प्रकट किया।

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