झांसी। आज चिरगांव देहात के ग्राम प्रधान के द्वारा शिवलिंग की स्थापना का आयोजन किया गया। शिव लिंग की स्थापना करने से पहले हजारा भरा गया। इस महात्वपूर्ण आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं एवं पुरूषों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। हजार छेदों वाले घड़े को भरने एवं उसमें रखे नारियल को जल की धार से बाहर निकालने के लिए श्रद्धालुओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं नारियल बाहर आते ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान हो गया।
शिवलिंग की स्थापना के पहले पूरे परिवार ने अन्नवास, जलवास करने के बाद हजारा किया जाता है। हजारा की यह प्रक्रिया सबसे महात्वपूर्ण एवं रोचक मानी जाती है। इसमें एक मिट्टी के कलश में हजार छेद किए जाते है। हजार छेद के इस कलश को हजारा कहा जाता है। इसके बाद श्रद्धालु मंत्रोच्चार के माध्यम से इसे कलशों से जल लेकर भरते है। इस हजारा कलश में एक नारियल डाला जाता है। श्रद्धालुओं द्वारा भरे जाने वाले जल के प्रवाह से जब यह नारियल निकल कर बाहर आ जाता है, तब इस प्रक्रिया को पूर्ण माना जाता है। शनिवार को ग्राम प्रधान पूनम देवी कालीचरण कुशवाहा के नेतृत्व में चिरगांव देहात में इस प्रक्रिया के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था।
आचार्य दिनेश व्यास ,आचार्य सत्यनारायण पटैरिया ने वैदिक रीति से मंत्रोच्चार से हजारा की प्रक्रिया शुरू कराई। मुख्य यजमान पूनम देवी – कालीचरण कुशवाहा प्रधान चिरगांव देहात, जबकि यजमान के तौर पर प्रदीप और रिंकू कुशवाहा रहे . इस शिवलिग आयोजन में गाँव के पर्वत कुशवाहा, विजय कमलेश के अलावा अनेकों श्रद्धालुओं ने अपने परिवार के साथ इस हजारा को भरने का प्रयास किया। कलश एवं लोटों से जल लेकर हजारा भरने का प्रयास लगभग पौने दो घंटे चला। इसके बाद ही यह नारियल बाहर निकल सका।
हजारा भरते ही सभी भक्त हर-हर महादेव का उदघोष करने लगे। इसके बाद चिरगांव देहात में शिव लिंग कलश यात्रा की नगर परिक्रमा की गई। इसमें श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य कर प्रसन्नता जाहिर की।