पूरे इलाज और सब्र से जीती लिम्फ नोड्स की टीबी से जंग

शरीर के किसी भी अंग में गांठ के रूप में होती है लिम्फ नोडस की टीबी जनपद में 299 लिंफ नोडस की टीबी के मरीज

झाँसी l 28 वर्षीय अनामिका मिश्रा (बदला हुआ नाम) को वर्ष 2017 में खांसी की शिकायत हुईI जब घर पर दवाओं से खांसी ठीक नहीं हुई तो एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने इलाज शुरू कर दियाI चार से पाँच माह तक इलाज कराने के बाद खांसी बंद हो गई, तो अनामिका नौकरी के लिए मुंबई चली गईंI

थोड़े ही समय के बाद उन्हे गले में दर्द और सूजन की शिकायत हुई तो उन्होने वही पर डॉक्टर को दिखायाI जिसने कुछ जांच करने की बाद उनमें टीबी के शुरुआती लक्षण बताएI कुछ समय इलाज के बाद भी बुखार और कमजोरी की समस्या बढ़ती गयी तो बिना समय गवाएं वह झाँसी वापस आ गयी|

झाँसी मेडिकल कॉलेज में जाँच पर अनामिका को प्रथम स्टेज की गले में लिम्फ नोड्स यानि गांठ की टीबी की पुष्टि हुईI परिवार में अनामिका के अलावा सिर्फ उनका बड़ा भाई और पिता दोनों ही नौकरी पेशा थेI ऐसे में अनामिका का इलाज और देख रेख में मुश्किल होते देख उनके भाई ने अपनी प्राइवेट नौकरी छोड़ दी, और पूरी तरह अनामिका के इलाज और देख रेख में लग गएI लगभग डेढ़ साल से तक अनामिका का इलाज चलाI गले की गांठ का ऑपरेशन और नियमित दवा के सेवन से अनामिका आज पूरी तरह से टीबी को मात दे पायी हैं|

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पाण्डेय बताते हैं कि शरीर के किसी भी अंग में गांठ के रूप में होने वाली टीबी को लिंफ नोडस की टीबी या गांठ की टीबीकहते हैI इस समय जनपद में लगभग 299 लिम्फ नोडस की टीबी के मरीज हैंIलिम्फ नोड की टीबी में बुखार आना,वजन कम होना और भूख कम लगना जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसमें सामान्य तौर पर खांसी या बलगम की शिकायत नहीं होती है, इसी वजह से टीबी का पता नहीं चल पाता हैI

डीटीओ बताते हैं कि फेफड़े या लिम्फ नोड की टीबी का इलाज आमतौर पर एक जैसा ही होता है। इसमें मरीज को 6 या 12 महीने का ट्रीटमेंट दिया जाता है। जो मरीज ट्रीटमेंट अधूरा छोड़ देते हैं या बीच में रोक कर ट्रीटमेंट लेते हैं उनमें दोबारा टीबी होने का खतरा बना रहता है। खानपान और पोषण का विशेष ध्यान देना टीबी से उपचार का अहम हिस्सा हैI जिसके लिए सरकारी के द्वारा टीबी के मरीज को हर माह 500 रुपय डीबीटी का दिया जाता है जब तक उसका इलाज चलता हैI जिसके माध्यम से वह पोषण युक्त आहार ग्रहण कर सकेI लिम्फ्स नोड्स की टीबी में कई बार गांठ के आकार बड़े होकर फट जाते है। लिम्फ नोड ट्यूबरक्लोसिस में बायोप्सी से ही सटीक जांच की जा सकती है। कुछ मामलों में उपचार के लिए सर्जरी की सहायता लेनी पड़ती हैI

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights