राशन के चावल की बाजार में धड़ल्ले से हो रही खरीदारी राशनकार्ड धारकों को गेहूं कम, चावल ज्यादा बांटा जा रहा


जालौन (उरई)। सरकार द्वारा राशनकार्ड धारकों को गेहूं से ज्यादा चावल दिया जा रहा है। कोटेदारों के यहां अधिक मात्रा में राशनकार्ड धारकों के लिए आए चावल की बाजार में धड़ल्ले से खरीद हो रही है। जगह-जगह गल्ला खरीदने वाले दुकानदार सरकारी चावल खरीद कर मुनाफा कमा रहे हैं।
पहले राशनकार्ड धारकों को 3 किग्रा प्रति यूनिट की हिसाब से गेहूं व 2 किग्रा चावल दिया जाता था। अब प्रति यूनिट 3 किग्रा चावल व 2 किग्रा गेहूं दिया जा रहा है एवं दूसरी बार प्रतियूनिट 5 किग्रा चावल ही दिया गया जा रहा है। सरकारी खाद्यान्न की दुकान पर आए चावल की बाजार में धड़ल्ले से खरीद व बिक्री हो रही है। गरीबों के लिए सस्ते दर पर आये चावल की बाजार में जगह-जगह बैठे गल्ला खरीदने वाले सरकारी चावल को कम कीमत पर खरीद रहे और बाद में वही चावल ऊंचे दाम बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। वैसे तो सरकारी चावल की कालाबाजारी का कारोबार लंबे से समय से चल रहा। लेकिन इस बार चावल की अधिकता के कारण इसमें तेजी आ रही है। बाजार में सरकारी चावल की बिक्री व खरीद का गोरखधंधा खूब फल-फूला रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार जानकार अनजान बने हुए हैं, जिससे ये धंधा बेरोकटोक चल रहा है।

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