ओम राउत के डायरेक्शन में बनी ‘आदिपुरुष’ 16 जून को रिलीज हो चुकी है। फिल्म को लेकर कई विवाद हो रहे हैं लेकिन बावजूद इन सबके ये बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन परफॉर्म कर रही है।

ओम राउत के डायरेक्शन में बनी फिल्म आदिपुरुष’ 16 जून को रिलीज हो चुकी है। अदिपुरुष फिल्म को लेकर कई विवाद हो रहे हैं लेकिन बावजूद इन सबके ये बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन परफॉर्म कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ आदिपरुष के डायलॉग को लेकर सोशल मीडिया पर जम कर ट्रोल किया जा रहा था। फिल्म के डायलॉग को घटिया बतया जाने लगा और इसके बाद मेकर्स ने कई टीवी इंटरव्यू में इस चीज की सफाई भी दी। हालांकि बात बनती नहीं दिखी, तो वहीं इसी क्रम में फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने जनता को आश्वाशन दिया कि फिल्म में से कुछ डायलॉग्स को हटाया जाएगा। बता दें की यह फैसला टीम ने जनता को ध्यान में रखते हुए लिया

मनोज मुंतशिर ने अपने ट्वीट मे लिखा

‘रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।’

मनोज मुंतशिर ने आगे लिखा, ‘मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।’


सनातन सेवा के लिए बनाई है ‘आदिपुरुष’उन्होंने इसी ट्वीट में आगे लिखा, ‘क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।

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